उत्तराखंड ने आज इतिहास रच दिया। विधानसभा में चर्चा के बाद आज समान नागरिक संहिता का बिल पास हो गया। इसके साथ उत्तराखंड समान कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। प्रस्ताव पारित होने से पहले बिल पर बोलते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपना देखा था, वह जमीन पर उतरकर हकीकत बनने जा रहा है. हम इतिहास रचने जा रहे हैं। देश के अन्य राज्यों को भी उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। अब इस बिल को राज्यपाल और के पास जाएगा। राज्यपाल के दस्तखत होते ही ये कानून बन जाएगा। इससे राज्य के सभी लोगों पर समान कानून लागू हो जाएंगे।
बिल पास होने के बाद सीएम धामी ने कहा कि जो भी दूसरे राज्य ड्राफ्ट मांगेंगे या इस दिशा में आगे बढ़ेंगे, उनको हम समर्थन करेंगे।
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों पर इसके प्रावधान लागू नहीं होंगे। समान नागरिक संहिता का वादा बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान किया था।
यूसीसी बिल की प्रमुख बातें–
बेटे और बेटी के लिए समान संपत्ति का अधिकार:
लिव इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना अनिवार्य
सभी धर्मों में शादी का पंजीकरण अनिवार्य, बिना रजिस्ट्रेशन के शादी अमान्य होगी
शादी के एक साल तक तलाक की अर्जी नहीं
विवाह की उम्र 18 और 21 सभी संप्रदायों के लिए अनिवार्य
विवाह, तलाक और मेंटेनेंस अब यूनिफार्म सिविल कोड के दायरे में
ड्राफ्ट में सभी धर्मों के लिए गोद लेने का एक जैसा कानून
सभी धर्मों की महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबर का अधिकार
डायवोर्स का ग्राउंड सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज को भी बनाया गया है, ऐसा पहली बार किया गया है
खतना प्रथा पर रोक नहीं