उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर सेवाओं पर DGCA की रोक, बदरीनाथ हादसे के बाद बड़ा फैसला

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उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को झटका लगा है. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने थंबी एविएशन की सभी हेली सेवाओं पर अग्रिम आदेश तक रोक लगा दी है।

यह निर्णय हाल ही में बदरीनाथ हेलीपैड पर हुए एक गंभीर हादसे के मद्देनजर लिया गया है, क्यूंकि थंबी एविएशन का एक हेलीकॉप्टर उड़ान भरते समय अनियंत्रित हो गया था।

घटना सोमवार को बदरीनाथ धाम के हेलीपैड पर हुई, जब थंबी एविएशन का हेलीकॉप्टर यात्रियों को उतारने के बाद वापसी की उड़ान भरने ही वाला था. तभी टेकऑफ के समय हेलीकॉप्टर अनियंत्रण की स्थिति में आ गया और उसके पंखे हेलीपैड पर खड़े एक वाहन से टकरा गए. गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था।

चार दिन पहले भी हुई थी घटना
गौरतलब है कि इससे महज चार दिन पहले उत्तरकाशी जिले के गंगनानी में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई थी, जिसमें तकनीकी खामी सामने आई थी. इन दो घटनाओं के बाद डीजीसीए ने तत्काल कार्रवाई करते हुए थंबी एविएशन की सभी हेली सेवाओं को निलंबित कर दिया है।

अन्य कंपनियां भी देंगी सेवा
थंबी एविएशन वर्तमान में फाटा, सिरसी और गुप्तकाशी हेलीपैड से केदारनाथ धाम के लिए नियमित हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित करती है. अब इन रूटों पर थंबी की जगह अन्य कंपनियों की हेलीकॉप्टर सेवाएं संचालित की जाएंगी. इसके तहत जिन श्रद्धालुओं ने थंबी एविएशन से टिकट बुक कराए हैं, उन्हें दूसरी कंपनियों की सेवाओं में स्थानांतरित किया जाएगा।

केदारनाथ हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने पुष्टि की है कि डीजीसीए के आदेश के बाद थंबी एविएशन की सभी उड़ानें स्थगित कर दी गई हैं. चौबे ने बताया कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

डीजीसीए के अधिकारी बदरीनाथ हेलीपैड पहुंचे और घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है. प्राथमिक जांच में हेलीकॉप्टर के उड़ान नियंत्रक प्रणाली (फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम) में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है. इसके अलावा पायलट की सतर्कता और मौसम की स्थिति की भी जांच की जा रही है।

चारधाम यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाएं यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम होती हैं, खासकर बुजुर्ग और अस्वस्थ श्रद्धालुओं के लिए. ऐसे में हेली सेवा में इस प्रकार की तकनीकी खामियों और लापरवाही को डीजीसीए ने गंभीरता से लेते हुए यह कठोर कदम उठाया है।

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