हार्दिक गुज्जर फिल्म, स्काईलार्क प्रोडक्शन और बैकबेंचर्स पिक्चर्स के बैनर तले बनी फिल्म ‘तिकड़म’ 23 अगस्त 2024 को जिओ सिनेमा पर रिलीज हो चुकी है। विवेक अंचलिया के निर्देशन में तैयार की गई इस फिल्म की पूरी शूटिंग उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों नैनीताल, खुर्पाताल और मुक्तेश्वर में की गई है।

‘तिकड़म’ में स्थानीय प्रतिभा का जलवा देखने को मिलेगा, क्योंकि इसमें लगभग 98% नैनीताल के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। फिल्म के कास्टिंग निर्देशक अमित खन्ना हैं, जबकि गोलू फिल्म और प्रयोगाक नैनीताल ने सहायक कास्टिंग समन्वयक के रूप में अपना योगदान दिया है। कलाकारों के चयन में मदन मेहरा, रोहित वर्मा और कौशल शाह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। संदीप मेहता और विनय बिष्ट ने लोकल लाइन प्रोड्यूसर के रूप में कार्य किया है।

पलायन के दर्द और परिवार के प्यार को दर्शाती यह फिल्म एक ऐसे पिता की कहानी है जो छोटे शहर सुखताल से बड़े शहर में अपने परिवार की आजीविका के लिए पलायन करने को मजबूर है। फिल्म का मुख्य आकर्षण यह है कि कैसे उसके बच्चे अपने पिता को रोकने के लिए विभिन्न तिकड़म लगाते हैं, जिसमें वे अपने अध्यापक द्वारा दी गई एक किताब का सहारा लेते हैं।

बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अमित स्याल, जिन्होंने ‘मिर्जापुर’, ‘महारानी’ और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी हिट फिल्मों में अपना लोहा मनवाया है, इस फिल्म में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। उनके साथ अरिष्ट जैन, आरोही, दिव्यांश द्विवेदी, नयन भट्ट, अजीत और जेनिफर भी प्रमुख भूमिकाओं में दिखाई देंगे। इसके अलावा, दाउद हुसैन, देवेंद्र बिष्ट, कौशल साह जगाती, ध्रुव टम्टा, आकाश नेगी, कल्याणी और नीरज डालाकोटी भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नजर आएंगे।
‘तिकड़म’ में नैनीताल के बाल कलाकारों ने भी अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया है। यश, मिनल जगाती, खुशी, आयुष्मान, वैभव, युवराज, विनायक और आरोही ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। इसके अलावा, नैनीताल, हल्द्वानी और अल्मोड़ा के कई अन्य स्थानीय कलाकारों ने भी फिल्म में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
अन्य कलाकारों में डी एन भट्ट, मंजूर हुसैन, अदिति, कमल जोशी, अनवर रजा, उमेश कांडपाल, मुंशीर मलिक, हेमंत बिष्ट, सतीश कुमार और मेहर सिंह भी शामिल हैं। इन सभी कलाकारों ने फिल्म को एक नया आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
‘तिकड़म’ एक ऐसी फिल्म है जो न केवल पहाड़ी क्षेत्रों की खूबसूरती को दर्शाती है, बल्कि वहां के लोगों की प्रतिभा और संघर्ष को भी सामने लाती है। यह फिल्म पलायन जैसे गंभीर मुद्दे को एक मानवीय दृष्टिकोण से प्रस्तुत करती है, जो निश्चित रूप से दर्शकों के दिलों को छू लेगी।