हल्द्वानी में सड़क चौड़ीकरण परियोजना ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसने शहर के व्यापारिक समुदाय में हलचल मचा दी है। उत्तराखंड के इस प्रमुख व्यापारिक केंद्र में, मंगल पड़ाव से ओके होटल तक के क्षेत्र में 101 दुकानों और भवनों को तोड़ने का नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई उच्च न्यायालय द्वारा मामले के निस्तारण के बाद की गई है। लोक निर्माण विभाग और नगर निगम ने संयुक्त रूप से यह नोटिस जारी किया है, जिसमें भवन स्वामियों को 23 अगस्त तक अपने भवनों को स्वयं तोड़ने का निर्देश दिया गया है।
सिटी मजिस्ट्रेट ए पी बाजपेई के अनुसार, सड़क के मध्य से दोनों तरफ 12 मीटर तक का क्षेत्र अतिक्रमण के रूप में चिह्नित किया गया है। प्रशासन का कहना है कि अगर निर्धारित समय सीमा तक भवन नहीं तोड़े गए, तो बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय शहर की यातायात व्यवस्था को सुधारने और आधुनिक बुनियादी ढांचा विकसित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
हालांकि, इस फैसले ने व्यापारियों में आक्रोश पैदा कर दिया है। नोटिस मिलने के बाद, कई व्यापारी नगर निगम कार्यालय पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि उच्च न्यायालय ने दुकानें तोड़ने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं दिया है। व्यापारियों का यह भी तर्क है कि उनके पास अभी भी न्यायालय में अपील करने का अधिकार है, और प्रशासन की यह कार्रवाई जल्दबाजी में की जा रही है।
इस विवाद ने शहर के आर्थिक जीवन पर गहरा प्रभाव डाला है। कई व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि वे बाजार बंद कर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि यह कार्रवाई न केवल उनकी आजीविका को प्रभावित करेगी, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक असर डालेगी। कुछ व्यापारियों ने इस मुद्दे को अदालत में चुनौती देने की भी बात कही है।
यह स्थिति हल्द्वानी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, जहां विकास और परंपरागत व्यापार के बीच संतुलन बनाना एक कठिन कार्य साबित हो रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और व्यापारियों के बीच कोई समझौता हो पाता है या फिर यह विवाद और भी बड़ा रूप ले लेता है। इस बीच, शहर के नागरिक इस उथल-पुथल के बीच अपने दैनिक जीवन को सामान्य रखने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि शहर के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है।