रामनगर में बीते दिनों पहले उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के महाधिवेशन कार्यक्रम में जो कुछ हुआ, उसने प्रदेश की सियासत और मीडिया के रिश्तों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। कार्यक्रम के दौरान पार्टी के कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए, और जब मौके पर मौजूद मीडियाकर्मी ने इस घटना की कवरेज करने की कोशिश की, तो उन्हीं पर UKD के लोगों ने हमला कर दिया।
रामनगर में पत्रकार से मारपीट मामले ने पकड़ा तूल
UKD जो खुद को उत्तराखंड की असली आवाज बताने का दावा करती है, वही पार्टी अब अपनी सियासी सच्चाई उजागर होने से डरती दिख रही है। रामनगर में पत्रकार पर हमला इसका ताज़ा उदाहरण है। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती, अब सोशल मीडिया पर भी इस घटना को दबाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं।

फेक प्रोफाइल से चलाया जा रहा एजेंडा या महज़ इत्तेफाक?
Khabar uttarakhand की टीम ने जब इस घटना की सच्चाई दर्शकों तक पहुंचाने का काम किया, तो सोशल मीडिया पर एकाएक कई फेक प्रोफाइल्स से एक जैसे कमेंट आने लगे।
जिन प्रोफाइल्स से (video) पर कमेंट किए गए हैं उनके नाम विदेशी रखे गए हैं, लेकिन कमेंट उत्तराखंड के राजनीतिक मुद्दों पर किए जा रहे हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि सभी प्रोफाइल्स के नाम, फोटो और लोकेशन अलग-अलग हैं, पर उनकी भाषा, शब्दों की बनावट और कमेंट का पैटर्न एक जैसा है।
अब सवाल उठता ये उठता है कि क्या ये सब महज़ इत्तेफाक है या यूकेडी के अंदर से कोई सोचा-समझा सोशल मीडिया एजेंडा चलाया जा रहा है? पहले पत्रकार से बदसलूकी और अब सोशल मीडिया पर संगठित तरीके से फेक कमेंट। यह घटनाक्रम इस ओर इशारा करता है कि सच्चाई सामने आने से रोकने की कोशिश की जा रही है।
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